|| Decoding “The Laws” by Plato With MJ Sir || Book 6

Intro : “अगर कानून राज्य की आत्मा है, तो उस आत्मा को संचालित करने के लिए एक दार्शनिक व्यवस्था चाहिए। Plato की Laws की छठी पुस्तक में, राज्य के प्रशासन, शासकों की नियुक्ति, और जीवन की दिशा को नैतिकता की कसौटी पर कसते हुए तय किया गया है।”

book 6 के प्रमुख विचार :

1. प्रशासनिक ढांचे की रूपरेखा

Plato “Magnesia” राज्य के प्रशासनिक ढांचे को साकार रूप देने लगते हैं:

                •              राज्य में प्रमुख अधिकारी होंगे जिन्हें Magistrates कहा जाएगा।

                •              ये Magistrates जनता के नैतिक और कानूनी जीवन को नियमित करेंगे।

Plato के अनुसार, राज्य चलाने वाले व्यक्ति सबसे अधिक अनुशासित, बुद्धिमान और नैतिक होने चाहिए।

2. शासक कौन बने? — गुण और योग्यता आधारित चयन

Plato की राजनीतिक दृष्टि में: “सत्ता केवल उसे दी जानी चाहिए जो आत्म-नियंत्रित, सच्चरित्र और न्यायप्रिय हो।”

                •              Plato Merit-Based Rule की वकालत करते हैं।

                •              राज्य में Guardianship of Law का पालन कराने वाले शासक —

गुणों (virtue) से सम्पन्न होने चाहिए, न कि केवल वंश या धन से।

3. विवाह और परिवार – राज्य का नैतिक ताना-बाना

Plato विवाह को केवल व्यक्तिगत संस्था नहीं, बल्कि राज्य की नैतिक बुनियाद मानते हैं। “एक सशक्त राज्य की शुरुआत एक सशक्त विवाह व्यवस्था से होती है।” Plato प्रस्तावित करते हैं:

                •              विवाह का उद्देश्य संतुलित संतति और नैतिक पीढ़ी हो।

                •              विवाह राज्य द्वारा विनियमित (regulated) होना चाहिए ताकि समाज में संतुलन बना रहे।

4. जूरी और न्याय व्यवस्था

Plato राज्य में Law Guardians और Judicial Officers का चयन भी नैतिकता के आधार पर करना चाहते हैं।

                •              न्यायिक अधिकारी वही हों जो धैर्यवान, निस्वार्थ और न्यायपरायण हों।

                •              Plato इस पुस्तक में राज्य की Judicial Ethics की नींव रखते हैं।

5. शिक्षा और सत्ता का गहरा संबंध Plato बार-बार दोहराते हैं: “जिसके पास ज्ञान है, उसे ही सत्ता सौंपो।”

     •         Plato ज्ञान और सत्ता को एक-दूसरे से अलग नहीं मानते।

     •          जो नेता ज्ञान के साथ आत्म-नियंत्रण और विनम्रता रखता है वही राज्य को स्थिर और न्यायसंगत बना सकता है।

Book 6 का निष्कर्ष (Conclusion):

                1.            Plato कानून को क्रियान्वित करने के लिए एक नैतिक और बौद्धिक प्रशासन की रूपरेखा बनाते हैं।

                2.            Merit, Ethics और Wisdom को शासन का आधार मानते हैं।

                3.            विवाह और परिवार को Plato राज्य की नैतिक प्रयोगशाला कहते हैं।

                4.            न्यायिक व्यवस्था में Plato धैर्य और विवेक को सर्वोच्च गुण मानते हैं।

                5.            Plato का स्पष्ट संदेश, “ज्ञानहीन शक्ति, अंधकार है।” अब क्या Book 6 का यही सारांश अंग्रेज़ी में प्रस्तुत किया जाए?

Book 6 से केवल इतना ही….

आपका

✍एमजे

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